बागपत | विपुल जैन
काव्य कला निखार साहित्य मंच के तत्वावधान में अवधी कविसम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ फतेहपुर के कवि समीर शुक्ला जी की वाणी वन्दना से हुआ। इसके बाद गोंडा के कवि वत्स गोंडवी जी ने सुनाया - नीर भले न पिलाय सकौ मुल आगि लगै अस बोल न बोलौ। इसके बाद रायबरेली के हास्य कवि संदीप शरारती जी ने अपनी रचनाओं से समां बाँध दिया।
उन्होंने सुनाया-वैसे इस देश में भाषायें हैं अनेक प्यारी सारी ही भाषाओं में महान मेरी हिंदी है। फिर रायबरेली के ही वरिष्ठ कवि डॉ अमित अवस्थी जी ने सुनाया-छाय रहा घिरिकै बदरा मन मा अनुरागहु छाय रहा है। बिसवां सीतापुर के वरिष्ठ कवि समीक्षक संदीप सरस् जी सुनाया-आओ मइया तनी दुलार करउ।पूत हन हम तनी पियार करउ। इसके बाद अवधी के बड़े लोकगीतकार फ़ारुख सरल जी अपनी रचनाओं से सबको खूब गुदगुदाया-चाहे गारी दी या मारी यू सिपहिया का करी। इज्जत काहू की उतारी यू सिपहिया का करी। कार्यक्रम का संचालन रायबरेली के बहुत ऊर्जावान वरिष्ठ कवि नीरज पांडेय जी ने किया। उन्होंने सुनाया-पढ़ि लिखिके ना परदेस गएन किसमति हम हियैं सँवारि रहेन अपने पुरिखन की देहरी मा दियना अनन्द ते बारि रहेन।। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ सुकवि कुँवर आलोक सीतापुरी जी ने की। इनके अतिरिक्त कार्यक्रम में अजय प्रधान जी, राजकमल खुरपेंची जी, समीर शुक्ला जी आदि अवधी कवियों ने काव्य पाठ किया। कार्यक्रम का आयोजन एवं संयोजन संस्था के अध्यक्ष अवनीश त्रिवेदी अभय ने किया। अभी कवियों को संस्था की ओर से अवधी भूषण सम्मान देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम बहुत सफल रहा।

If you have any doubts, please let me know