राष्ट्रपति को 10,000+ पत्र लिखने वाले आधुनिक युग के समाज सुधारक: जीवन कुमार मित्तल

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नई दिल्ली। वर्ष 2012 और 2017 में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार और 2017 में ही उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रह चुके यह शख्स शायद आपको हिंदुस्तान टाइम्स में अक्सर देखने को मिले लेकिन इनके समाज सुधार कार्यों से जरूर आप अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हुए है। इस विशेष लेख में आज हम बात कर रहे है अमृतसर में पैदा हुए और वर्तमान में पश्चिम दिल्ली निवासी जीवन कुमार मित्तल की।

यूं तो इतिहास में हम राजा राम मोहन रॉय जैसे विभिन्न समाज सुधारकों के बारे में पढ़ते है लेकिन जीवन कुमार मित्तल को आधुनिक युग का समाज सुधारक कहा जाए तो अतिशयोक्ति न होगी। जहां वर्तमान पीढ़ी के लोग अक्सर सामाजिक कार्यों से बचने की कोशिश करते है, वहीं जीवन कुमार मित्तल ने अपनी जिंदगी के कई वर्ष कार्यपालिका की, न्यायपालिका की, विधायिका की हजारों कमियों को, बेवकूफियों को, भूलों को, लापरवाहियों को, विसंगतियों को बड़े ध्यान से करीब से देखा समझा और प्रशासनिक सुधार हेतु हर मंच पर हमेशा अपनी समाज सुधारक नीतियों के बारे में लिखा।

उनके बारे में सबसे अनूठी बात यह है कि वो कलम के जादू में दृढ़ता से विश्वास करते है और अपनी लेखन कला के माध्यम से एक बड़े बदलाव का नेतृत्व कर रहे है। उन्होंने पिछले 50 वर्षों में विभिन्न अखबारों के संपादक के साथ कई हजार पत्र व्यवहार किए। उन्होंने अपने मासिक समाचार पत्र Four Square के माध्यम से भी अपनी इस मुहिम को जारी रखा। सरकार की सभी कमियों को व्यावहारिक हल के साथ लगातार सरकार को बताना आसान न था लेकिन उन्होंने साहस दिखाया और 2012 से नियमित तौर पर राष्ट्रपति सचिवालय को ऑनलाइन सुझाव भेजे जो कि उनके फेसबुक पेज Letters To President पर भी उपलब्ध है।

अपने प्रयासों को दृढ़ करने के लिए उन्होंने letterstopresident.com वेबसाइट शुरू की और हिंदुस्तान टाइम्स में कई महीनों से लगातार विज्ञापन दे रहे है। अपने पश्चिम दिल्ली डॉक्यूमेंट कार्यालय में सप्ताह के सातों दिन कार्य करने वाले जीवन कुमार मित्तल जी के 10 सुझावों को भारत सरकार ने अपनाया भी है। जीवन ने बताया कि RTI से आप कोई सूचना सरकार को दे नहीं सकते और PIL पर अक्सर कोर्ट नाराज हो जुरमाना लगा देते हैं लेकिन राष्ट्रपति को लिखना अनुचित नहीं है और फ्री है और हर भारतीय अपने इस अधिकार का प्रयोग जनहित में कर सकता है।

राष्ट्रपति सचिवालय की साइट पर माह में लगभग 3000 अनुरोध आते हैं और उस में से लगभग 3% जीवन के होते हैं। सरकार की आलोचना सरल नही है और कोई अपराध भी नही है। लेकिन धैर्य के साथ हजारों पत्र लिखने वाले जीवन कुमार मित्तल को एक सैल्यूट तो बनता है साथियों। अपनी राय हमें व्हाट्सएप करें और इस लेख को जरूर सोशल मीडिया पर साझा करे।

यहां उनका फेसबुक पेज देखे। 

वेबसाइट पर जाए।

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